नशा सेवन निबंध
नशा सेवन से समाज में एक कलंक नशा सेवन से मनुष्य जीवन में हानिकारक हामरे देश में नशा का शिकार लोग
नशा सेवन मनुष्य का वे बुरी आदत है जो दिमाग का सीतील कर देती है ! नशा मनुष्य को भूल भूलिया की दुनिया की सैर करती है नशा थोड़ी देर के लिए मनुष्य को तनाव रहीत कर देती है नशा कॉफी और कोको से भी होती है सिगरेट पान मार्फिन – पान डेमरोल पान गांजा पान और ड्रग नशा को देने वाले अन्य सहयोगी खतरनाक ये प्रदार्थ जिस प्रकार नशा का सेवन का शिकार हमारे देश में दिन पे दिन हो रहा है गरीबी के साथ साथ अपना जीवन भी एक गलत तरीके से जीने का खोज में लग गए है नशा का सेवन केवल एक दुनिया में ही नहीं सभी देश विदेश में सेवन का शिकार बना हुआ है अगर इस संसार को नशा मुक्त करना है तो तो एक नया अभियान शुरू किया जाए तो नशे में लोग अपने घर संसार सब कुछ को भूल जाते है जो एक आम जीवन में बहुत ही प्रभावी बन जाता है अपने अनुशार अपने मन से जो भी आता है वो करने लगते है देश विदेश में कोकीन का प्रयोग सभी देश विदेश में बहुत जोड़ से शोर किया जाता है अपनी अनुशार से काम को करना और नशा करती है !
नशा के कारण म्रत्यु दर
एक रिपोर्ट के अनुसार 2030 तक तंबाकू से हर साल 8000000 के मौतें तक आंकड़ा पहुंच जाएगा होने वाले रोगों के अनुसार लगभग 700000 लोगों की मौत होती है लाख से ज्यादा लोग सेकंड हैंड सुमो कर सिगरेट पियक्कड़ होते हैं एक अरब लोग तंबाकू सेवन करते के कारण मौत के घाट उतारने वाले एटी परसेंट और middle-income वाले देशों में होगी ज्यादा विक्रम क्विज में होते हैं इनमें से 250 से ज्यादा बेहद खतरनाक होते हैं और 50 से ज्यादा कैंसर कारक होते हैं भारत में बीच में तंबाकू का पद दूसरा बड़ा देश है जिसमें तंबाकू के कारण जान गवाने वाले आबादी का छठवां हिस्सा भारत है भारतीय तंबाकू का सेवन करने वाले पाए गए हैं जिसमें पुरुषों की संख्या महिलाओं से ज्यादा है भारत में तंबाकू सेवन करने के कारण हर साल 8 से 900000 लोगों की मौत होती है नशा मनुष्य को बरबाद कर देती है शरीर को नष्ट और दिमाग को भ्रष्ट कर देती है या लाभ समझते हैं कि वे ज्यादा संतुष्ट देश लोग यह समझते हैं कि वे थोड़ी देर के लिए तनाव रहित हो जाते हैं लोग यह समझते हैं कि वह मांसाहारी भोजन सकेंगे लोग समझते हैं कि रोमांच का आनंद में ज्यादा उठा सकेंगे लोग समझते हैं कि वह सुबह से ही रहेंगे लेकिन बात ठीक इसके उल्टी हुई होती है हर नशा करने वाला छोड़ना चाहता है लेकिन वह एक बार चपेट में आ जाने के बाद छोड़ नहीं पाता है फिर लोग नशा सेवन करते ही क्यों हैं अदूर जनों का संग सातो होने पर या औरतों की मजबूरी के कारण तत्कालिक मन की शांति भले ही मिल जाए दीर्घकालीन से तो घाटा ही होता है समाज की विषमता को नशे सेवन से दूर नहीं किया जा सकता
नशा मनुष्य का जीवन
अमीरी गरीबी को खाई भी नशा सेवन दूर नहीं कर पाता है पैराग्राफ चेंज कहानी ही हानि है नशा सेवन से शरीर को नसीब हो जाता है नशा सेवन से परंपरिक शांति भंग हो जाती है पता है पैसे की कमी होने लगती है वे परिवारिक शांति भंग हो जाती है परिवारिक कला बड़ा जाता है पैसे की कमी होने के कारण दरिया तक बढ़ जाता है परिवार से बाहर जब आकर निकालता है तो सामाजिक कला पैदा होने लगता है झगड़ा झंझट होने लगता है नशा पीकर नशेड़ी सूटर का भी धंधा अपनाने मजबूर हो जाता है नशा सेवन से अत्यंत राष्ट्र का नुकसान होता है नशा सामग्री का पैसा आतंकवादियों को चला जाता है इस पैसे से हुए भारत पर चढ़ाई करते हैं नशा सेवन से अंतरराष्ट्रीय शांति का खलल पड़ने लगता है नशा सेवकों की आर्थिक प्रगति रुक जाती है उसका दिमाग विनाश की ओर जाने लगता है विनाश की बात उन्हें उल्टी जान पड़ती है नशा सेवन मानसिक रोगों को ग्रस्त हो जाते हैं नशा के अभाव में हुए पागल हो जाते हैं शराब से कैंसर होता है लीवर कल जाता है किडनी फेल होने लगती है फिर से कमजोर होकर फेल हो जाता है स्मरणशक्ती विलुप्त होने लगती है अंत में चोरी पॉकेट मारी डकैती जैसी बुरी बुरे कर्म करने पड़ते हैं एक चम्मच पीना लाभदायक है लेकिन नशा और अधिक नशे की मांग करता है और नशे धीरे-धीरे उसकी गिरफ्त में आ जाता है ना सर सेवन पूरी मनुष्य जाति को मनाता को नष्ट कर देता है