छात्र और अनुशासन निबंध

छात्र और अनुशासन निबंध

छात्र और अनुशासन के बिच निबंध सभी परीक्षा के लिए छात्र और अनुशासन के बिच हिंदी लेख

छात्र और अनुशासन के बिच के बिच लम्बी दस्ता है जो सभी छात्र के बिच अनुशासन होनी चाहिए जिस पर्स सूर्य और चन्द्रमा का चमकना ,दिन और रात होना और  पेड़ पौधा को लगाना नियामत और निश्चेत रहता है जिसे देखकर आचाय होता है उसी प्रकार जीवन भी उसी प्रकार चल रहा है जिस प्रकार पेड़ और पौधो में अनुसासन है उसी प्रकार छात्र जीवन में अनुसासन की भूमिका का है हमें छात्र को अनुसान को कभी नहीं भूलना नहीं चाहिए अनुशसन के दो रूप है ब्रंहा और आंतरिक समजिकौर गुरु का बात मानने वाले को ब्राहा कहा जाता है और गुरु की बात और अनुसाशन को पालन नहीउ करने वाले को आंतरिक कहा जाता है जो अनुसाशन का एक श्रेस्ट है  ठीक ऐसी ही मनुष्य जीवन व्यतीत करता है तो दुसरो के लिए आदर्श और अनुकरण बन जाता है यद्वीपी जीवन में पग पग अनुसान का महवत्पूर्ण भूमिका है विद्यार्थी को जीवन अनुसाशन रहित करने चाहिए अनुसान में रहने वाले को जीवन और देश का नागरिक बन जाता है और वही सभ्य समाज के लिए अपने देश के प्रति आदर और विचार अच्छे बन जाते है

छात्र जीवन में ऋषि का जीवन

भारत में प्राचीन ऋषयो और आचार्य ने जीवन को चार भागो में बाटा था जिसमे प्रथम ब्रमचाया आश्रम को जीवन का मूल आधार माना जाता है इसमें विद्याथी भावी जीवन के निर्माण के लिए कठोर साधन करता था गुरु का अपना चिरत्र बहुत ही प्रवावसाली और अनुकरणीय है विद्यर्थी उसकी सरंचन में रहकर भी अपना जीवन में छात्र का अनुसाशन एक महवत्पूर्ण भूमिका है आज हमरे समज में छात्र का अनुसाशन की म,महत्वतूर्ण भूमिका का खोज है सबसे ज्यादा छात्र जीवन में अनुसाहन का एक अनमोल रत्न है जो सभी उचित समय पर उपयोग और अच्छी आदतों को करने चाहिए और अनुशाशन की अगर बात किया जाये तो केवल छात्र जीवन में अनुसाशन सभी में होनी चाहिए

आज कल जीवन में अनुसाशन की कमी 

आज छात्रों की अनुसाशनिता देश देश के लिए उज्जवल समस्या बन गया है विद्यालय ,महाविद्यालय विश्वविद्यलय में उदंडता दिखाना शिक्षको को अपमान करना और परीक्षा में नकल करना एवं करना रोकने पर निरकक्ष को पीटना और पिटाना और उनकी जान ले लेना और बस रेल में बिना टिकट का यात्रा करना और छात्रों को छेड़ना ये सभी अनुसहिंता का एक प्रतीक है जो छात्र जीवन में अनुसाशन का एक जोड़ देने की जरुरत है अनुशासन जीवन को इतना आदर्श बना देता है की अनुशासित व्यक्ति दूसरों की उपेछा कुछ विशिष्ट दिखाई पड़ता है !उसका उठना -बैठना बोलना, व्यवहार करना आदि प्रतेयक क्रिया में एक विशेष व्यवस्था या नियम की झलक मिलती है !अपनी समस्त वृतियों पर उसका पूर्ण नियंत्रण रहता है !संसार में वह कुछ विशेष कर सकने की छमता रखता है ! उसका सब ओर सम्मान होता है तथा उसके चरण चूमती दिखायी देती है अनुशासनहीन मनुष्य संसार में लेशमात्र सम्मान होता है तथा उसके चरण चूमती दिखायी देती है ! अनुशासनहीन मनुष्य संसार में लेसमात्र भी सफल नहीं होता, बल्कि वह अपने पतन के साथ ही साथ समाज का भी विनाश करता है !

 

Ranjay Kumar is a Bihar native with a Bachelor's degree in Journalism from Patna University. With three years of hands-on experience in the field of journalism, he brings a fresh and insightful perspective to his work. Ranjay is passionate about storytelling and uses his roots in Bihar as a source of inspiration. When he's not chasing news stories, you can find him exploring the cultural richness of Bihar or immersed in a good book.

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