“सिपाही की माँ शीर्षक कहानी का सारांश लिखें ! Siphai Ki Ma
सिपाही की माँ siphai ki ma
Ans – सीपाही की माँ ,हिंदी के लब्ध प्रतिष्ठ नाटकर श्री मोहन राकेश द्वारा लिखित एक अवशिकमीकरण कृति है !नाटक काव्य का सविधिक रमीकरण विधा है एकांकी भी नाटक बकी भ्रांति रूपक है यह द्रिषक काव्य भी परिधि में आता है ! ‘सीपाही की मां द्वितीए विश्वयूद्ध की प्रिस्त्वभूमि पर लिखित एक मौलिक विचार को प्रस्तुत करने वाली एकांकी है ! एक एकांकी माध्यम से यूद्ध की विभीषेका पर प्रकाश डाला गया है ! जब दो या दो से अधिक देशो के बिच यूद्ध होता है आधे व्यापक सर्वनायक होता है यूद्ध एक गंभीर समस्या है प्राचीन काल से अवार्चीन काल तक यूद्ध की अभिसकी ,में हजारो -लाखो लोग हरताल हुए द्वितीए विश्वयुध में जर्मनी के खिलाफ ब्रिटिश सम्राज लड़ रहे थे भारतीय सिपाही अंग्रोजो के पछ में लड़ रहे थे जापान जर्मनी के खिलाफ ब्रटिश सम्राज लड़ रहे थे !
सिपाही की माँ Siphai Ki ma
जापान जर्मनी के खिलाफ लड़ रहे थे भरतिया वर्मा के कलदाई में झूझ रहे थे एक एकांकी का नायक मानक वर्मा कास यूद्ध लड़ रहा था मानक की मां का नाम विशनी था वोह एक वृद्ध महिला थी उसका एक बाटे मुनि था वो होने बेटे मानक को फौजी में इसलिए भेज रहा था की वो जो वेतन मिलेगा ऐसे मुनि का विवाह करेगी मानक की मन एक दयालु औरत थी माँ और और मुनि मानक का पात्र का इंतजार करते रहते है गावं में डाकिया आता है पर मानक का पत्यर नहीं आता है ! यूद्ध के वारे मैं अनेको अफवाह फैले हुआ है मन की माँ को हमेसा असंका बने रहते है कही उसके बेटे का कुछ हो न जाये वो सदैव डरी रहती है वो अपने बेटे का पल पल समाचार जानना चाहती है लेकिन उन्हें अपने बेटे का कोई समाचार नहीं मिल पता है सिपाही के माँ गहरी नींद में स्वप्नन देखती है की उसका बीटा घायल अवस्ता में भगता हुअस घर आता है TikTok App
Siphai Ki Ma
वह मन से लपट जाता है उसका पीछा करता हुआ एक सिपाही भी आता है की मानक क्रूर है वहसी है ,जानवर है उसने नदयारता से यूद्ध से यूद्ध के मैदान में सिपाहियों को मारा है !वह इसे नहीं छोड़ेंगे मानक की माँ कहती है वह और दोनों समझाती है वो आपस में ना लड़े मानक उठकर अपने सत्रु से लड़णे लगता है दो एक दूसरे खून के पयासे हो जाते है सिपाही के माँ चाहकर भी उसे मैदान माँ रोक नहीं पते है तभी उसकी नींद खुल जाती है ! माँ इस डरबन से दर जाती है और पुनः दूसरे दिन अपने बेटे का पत्र का इंतजार करती है अतः हमलोग इस एकांकी में देखते है की किस तरह सिपाही की माँ किस तरह चिंतांत रहते है
उसके प्राण उसके परिवार की लिए कितना मूल्वान होता है प्रत्येक फौजी किस तरह अपने दुश्मन को देखते ही गोली मार देते है जिनका कोई दुश्मनी नहीं होती और नहीं कोई पहचान भी होता है फिर भी एक दूसरे को तरुंत गोली मर देते देते है यूद्ध में गयी हिंसा बहादुरी कहलाता है जो सिपाही जितना ही दुशमन को मरता है उतना ही वीर कहलाता है है यूद्ध में मन्वयता का कोई मोल नहीं होता है
परीक्षा महवत्पूर्ण परीक्षा के लिए
1 सिपाही की माँ किस एकाकी का संग्रह से है –अंडे का छिलके
2 मुनि और मानक का माँ कौन है –विशनी
3 सिपाही की माँ के अनुसार लड़ाई कहाँ –वर्मा
4 विशनी की का पड़ोसन कौन है –कुंती
5 मानक क्या करता है –सेना का सिपाही
6 बहन का हाथ पिले करने का बात कौन करता है –कुंती
7 मोहन राकेश का जन्म कब हुआ –8 जनवरी 1925
Sipahi kee ma story and vvi objective question board exam