Class 10th Important Question Bihar Board Exam VVI subjective
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सीता का चरित्र -चित्रण करें ?
सीता एक विधवा पर सहिष्णु महिला थी ! वह बहुओं की विषाक्त बातें को कभी उतर नहीं देती,वह अपनेहिर्दय को पत्थर कर अपने ही घर में वीरान बनकर रह रही थी बेटे ने उन्हें एक एक महीना रखा तो उन्होंने खुश नहीं बोली प्रति माह 50 रुपया महीने देने की बात आई तो बेटे ने बिना उससे रे लिए ही तय कर दिया तो उसका सावभिमान जगा और वह घर से निकल पड़ी ! इस प्रकार सीता सुख दुःख में समरस रहने वाली संत प्रकृति की स्वाभानी और दृढ़ निस्चय की प्रकृति की महिला है
मग्गमा कहानी का सारांश प्रस्तुत कीजिए !
प्रस्तुत कहानी कत्रड कहानियां (नेशनल बुक स्ट्रट इंडिया ) से साभार ले गयी है इस कहानी का अनुबाद बी आर नरायण ने किया है ! इस कहानी का प्रमुख केंद्रीय चरित्र मग्गमा और दुतिये चित्रित लेखक की माँ है ! मग्गमा प्रतिवर्त है घर में अत्यंतकलह से दुखी होकर जीवन यापन करने के लिए दही बेचती है वह गाऊं से शहर जाती है और दही बेचकर कुछ पैसा संचय करती है संसार की यह सच है की सास बहु के बिच स्वत्रंत्रता की होड़ लगी रहती है माँ बेटे पर से अपना हक नहीं छोड़ती है ! और बहु अपने पति पर अपना हक़ जमाना चाहती है ! पोती की पिटाई में मग्गमा अपने बहु की भला बुरा कह देती है तो सास और बहु के बिच युद्ध शुरू हो जाती है ! बहु और मग्गमा को अलग रहहने के लिए वितरण कर देती है दही बेचने वाले मग्गमा कुछ पैसे इकठा कर लेती है जब बहु को ज्ञात हो जाती है उसकी सास रागरपा को कर्ज देने वाली है तो अपने बेटे को ढाल बनती है ! तो अपने बेटे को दादी के पास रहने के लिए उसकाती है धिरे धीरे सास बहु के बिच सभंव सुधरता जाता है एक दिन स्वय मग्गमा अपने बहु को लेकर दही बेचने जाती है लोगो से एपनिया बहु का परिचय देती है और कहती है की अब उसकी बहु ही दही बेचने आएगी !
3.मंगू के प्रति माँ और उसके परिवार और अन्य सदस्य के व्यवहार शब्दों में लिखें !
मांगू के प्रति परिवार के लोगो के व्यवहार में पर्याप्त अंतर है माँ मगु को दिलो जान से चाहती है उसे अपने पास सुलाती है ,खिलाती है और उसका मल मूत्र साफ करती है मंगू का बड़ी बहन कमु का विचार है की माँ का लाड प्यार से से ही नित्य क्रिया है जैसे कार्य नहीं करती है डांट जपत से तो जानवर भी काम करने लगती है मंगू की भाभीयां उनके प्रति बहुत्त घृणा करती थी ! मंगू जन्म से ही पागल थी जिसके कारण उसकी माँ उसे ध्यान रखती थी !
अविनयो पाठ के लेखक को नदी तट पर किसकी याद आती है और क्यों ?
नदी तट पर जब लेखक बैठता है टीका चेहरा लोगों के चेहरों से मिलता हुआ दिखाई पड़ता है कहने का भाव या है कि नदी मानवीनी देवी है उसके चेहरे पर जान जान का रूप रंग प्रतिबंधित होते हैं मंगल कामिनी है नहीं है लकीर नदी के साथ आत्मसात हो जाने को जैसा ही है नदी के पास होने का मतलब नदी की तरह हो जाना यानी मानव का जीवन नदी के समान है इस कविता में कवि कौन नदी चेहरे लोगों की याद आती है जो लोग नदी के किनारे बसे हैं वे केवल नहीं चेहरा नहीं पुत्र नहीं बल्कि वे लोग नदी के बिरादरी में आते हैं जो दूर रहकर भी नदी के तट पर बैठ जाते हैं नहीं वह तो सबको प्यार करती है तू लाती है वह अपने साथ बहाती है सभी लोगों नदी पुत्र के रूप में जीवन जीते हैं नदी सबकी और सब लोगों के नदी हैं
विष के दांत कहानी का नायक कौन है ! वर्णन करें ?
नायक वह होता है जिसकी ईर्द गिर्द कहानी चक्कर कटती है ! जिसके किसके किसी कृत से कहानी का समापन होता है इस इस हिसाब से देखे तो सेन साहब का चर्चा जयदा है ! तथापि नायक उसकी फैक्टरी के किरानी गिरधारी का बेटा मदन है कहानी घूमकर मदन द्वारा सेन साहब की गाड़ी को चुने के आरोप पर आती है जिसके कारण ड्राइवर इसे ढाका देकर गिरा देता है जिसके प्रतिकार सवरूप मदन उसपर झपटा है वह सेन साहब से वयभित नहीं होता है उनकी उपस्थी में भी ड्राइवर को मारने के लिए तैयार हो जाता है इस घटना परछात पिटाई होती हैं किन्तु वह मूल्य बात को नहीं भूलता है जब खोका लट्टू खेलने आता है और लट्टू की मांग करता है तो मदन उसे बराबरी का भाव करता हुआ अपना लट्टू लाने को कहता है ! जब क्रुद्ध खोका जब उसपे हाथ चला देता है बिना डरे ऊपर मरने के लिए तैयार हो जाता है और उसका दो दांत तोड़ देता है ! यही इस कहानी में बताया गया है !